भोपाल /17 दिन की सियासी मशक्कत के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार शुक्रवार को गिर गई। कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को इस्तीफा सौंप दिया। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक शनिवार को कमलनाथ दिल्ली जाएंगे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलकर मौजूदा राजनीतिक हालात बताएंगे। उधर, सरकार गई तो मंत्री प्रदीप जायसवाल के सुर भी बदल गए। वारासिवनी के इस निर्दलीय विधायक के मुताबिक, “ मैंने कहा था कि जब तक कमलनाथ हैं, मैं उनके साथ हूं। लेकिन मेरी जिम्मेदारी मेरे विधानसभा क्षेत्र के लिए भी है। मुझे अपने क्षेत्र के विकास और कर्मचारियों के सम्मान का ख्याल रखना है। यह बिना नेतृत्व के संभव नहीं होगा। इसलिए नई सरकार के साथ खड़े होने के अलावा मेरे पास कोई और विकल्प नहीं है। मैंने भाजपा नेतृत्व को भी यह बता दिया है।”
कमलनाथ ने ट्विट किया, आज मध्यप्रदेश की उम्मीदों और विश्वास की हार हुई
इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ ने एक भावुक संदेश ट्विट किया है। कहा कि, ''आज मध्यप्रदेश की उम्मीदों और विश्वास की हार हुई है, लोभी और प्रलोभी जीत गए हैं । मध्यप्रदेश के आत्मसम्मान को हराकर कोई नहीं जीत सकता। मैं पूरी इच्छाशक्ति से मध्यप्रदेश के विकास के लिए काम करता रहूंगा।'' इसके एक घंटे बाद ही उन्होंने दो ट्विट फिर से किया। इसमें लिखा कि '' मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हमेशा प्रदेश की जनता के सुख-दुःख में खड़ा रहूंगा, आपके हित के लिये सदैव संघर्षरत रहूंगा। मुझे उम्मीद व विश्वास है कि आपका यही प्रेम - स्नेह - सहयोग मुझे आगे भी मिलता रहेगा। मैं प्रदेश की जनता का धन्यवाद व आभार मानता हूं, जिन्होंने इन 15 माह में मुझे पूर्ण सहयोग प्रदान किया। आपके प्रेम -स्नेह - सहयोग की बदौलत ही मेरी सरकार ने इन 15 माह में प्रदेश की तस्वीर बदलने का कार्य किया है।''
फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए थे। हालांकि, इसकी जरूरत नहीं पड़ी। कमलनाथ विधानसभा के बजाए राजभवन पहुंचे और इस्तीफा दे दिया। इसके पहले उनके करीबी ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने कहा था, “कमलनाथ सरकार ने बेहतरीन कार्य किया। हम विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे।” विधायक कुणाल चौधरी ने कहा, “24 सीटों पर उपचुनाव होंगे और सभी सीटों पर कांग्रेस पिछली बार से भी ज्यादा मतों से जीत हासिल करेगी।”
पांच दिनों से होटल में ठहरे थे विधायक
कांग्रेस के विधायकों को पिछले पांच दिनों से होटल मैरियट में ठहराया गया था। इसके पहले तीन दिन विधायक जयपुर में भी थे। तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार नहीं बची तो शुक्रवार को विधायकों ने होटल से चेक आउट कर लिया।